Diet Plan for Vitiligo (Leucoderma) Patient

जो दवाये आपको प्राप्त हुई है उसे प्रतिदिन समयानुसार ले एवं इसके अतिरिक्त आपको नीचे दिए हुए लेख को जितना हो सके अपने जीवन मे उतारने के आवश्यकता है

विटिलिगो त्वचा की एक ऐसी समस्या हैं जिसमे त्वचा का कुछ भाग अपना वर्णक (पिग्मेंट) खोने लगते हैं। यह अवस्था तब उत्पन होती हैं जब त्वचा के वर्णक कोशिकाएं मिलेनॉयट्स मृत या कार्य करने में असमर्थ रहते हैं। विटिलिगो के होने के कारण अभी तक अज्ञात है। अनुसंधान से यह पता चला हैं की विटिलिगो के उत्पन्न होने के कारणों मे स्व-प्रतिरक्षित (ऑटो इम्यून ) या वाईरल तनाव हो सकते हैं। विटिलिगो को आम तौर पर दो मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है: सेगमेंट (खंड) और नॉन-सेगमेंट (खंड) विटिलिगो


सफेद दाग वाले मरीजों के लिए डाइट प्लान
Diet Plan for Vitiligo (Leucoderma) Patient

आपने देखा होगा कि कई लोगों की त्वचा पर सफेद दाग हो जाते हैं। सफेद दाग त्वचा से संबंधित एक बीमारी है। इस बीमारी को विटिलिगो भी कहा जाता है। डॉक्टर के अनुसार, सफेद दाग में दर्द नहीं होता, और खुजली भी नहीं होती, लेकिन सूर्य की रोशनी में जाने पर सफेद दाग वाले स्थान पर थोड़ी जलन जरूर हो सकती है। अगर आप भी सफेद दाग की समस्या से ग्रस्त हैं, तो रोग का इलाज कराने के साथ-साथ आपको सफेद दाग के लिए डाइट चार्ट का पालन करना भी जरूरी हो जाता है। इसलिए यहां सफेद दाग में आपका डाइट प्लान क्या होना चाहिए। इसकी पूरी जानकारी दी जा रही है।

इस डाइट प्लान को अपनाकर आप ना सिर्फ सफेद दाग के बढ़ने पर नियंत्रण पा सकेंगे, बल्कि रोग से राहत भी प्राप्त कर पाएंगे

सफेद दाग की बीमारी में क्या खाएं 
सफेद दाग की समस्या में आपका आहार कुछ ऐसा होना चाहिएः-

अनाज: इसमे आप पुराना चावल, गेहूं, जौ ले
दाल: अरहर, मूंग
फल एवं सब्जियां: नींबू, हल्दी, सहजन (शिग्रु), टिंडा, अनार, परवल, लौकी, करेला, तोरई, शहद आदि ले सकते है
अन्य: शुंठी, अदरक, सौंफ, हींग, काला नमक, 1 चमच एरंड तेल गुनगुने पानी के साथ, लहसुन, जीरा, जायफल, शहद
ध्यान रहे सफेद दाग से ग्रस्त व्यक्ति को करेले की सब्जी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए

सफेद दाग की बीमारी में क्या ना खाएं 
सफेद दाग की समस्या में आपको इनका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिएः-

अनाज: इसमे आप नया धान, मैदा नही लेवे
दाल: काबुली चना, देशी चना, मटर
फल एवं सब्जियां: आलू तथा अन्य कन्द मूल
अन्य: ऐसे भोजन जो जलन व गैस उत्पन्न करे, तथा पाचन कम करे। दूध, दही, मछली, गुड़, उड़द, ठंडा भोजन, दूषित पानी, ठंडा पानी, सूखा भोजन, ठंडे भोज्य पदार्थ, तला हुआ एवं कठिनाई से पचने वाला भोजन 

इन चीजों के लिए सख्त मना है: तैलीय मसालेदार भोजन, मांसाहार और मांसाहार सूप, अचार, अधिक तेल, अधिक नमक, कोल्डड्रिंक्स, मैदे वाले पदार्थ, शराब, फास्टफूड, सॉफ्टडिंक्स, जंक फ़ूड, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ।

विरुद्ध आहार: (दूध +  मछली) एक साथ कभी नहीं लेना चाहिए

सफेद दाग के इलाज के लिए आपका डाइट प्लान 
सफेद दाग के उपचार के लिए सुबह उठकर दांतों को साफ करने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिएं या रात से रखा हुआ तांबे के पात्र का जल ले सकते है नाश्ते से पहले आवंला व एलोवेरा पिएं और इन बातों का पालन करेंः-

समय आहार  योजना (शाकाहार)

नाश्ता (8 :30 AM) 1 कप पेय + 2-3 बिस्कुट / पोहा /उपमा (सूजी ) / दलिया/ अंकुरित अनाज / 2 पतली रोटी ( मिश्रित  अनाज आटा) + 1 कटोरी  सब्जी/1 प्लेट फलों का सलाद (सेब, पपीता, अनार)

दिन का भोजन (12:30-01:30 PM 1-2 पतली रोटियां (मिश्रित अनाज आटा )+1 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई ) + 1 कटोरी दाल +1 प्लेट सलाद

शाम का नाश्ता
(5:30-6:00 pm)

1 कप  पेय + 2-3 बिस्कुट + 1कटोरी कॉर्न फ्लैक्स या शाकाहारी सूप

रात का भोजन  (7: 00 – 8:00 Pm) 1-2 पतली रोटियां (मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (रेशेदार)  + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली)

सफेद दाग के इलाज लिए आपकी जीवनशैली
सफेद दाग के उपचार के दौरान आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

प्रतिदिन टहलें।
प्रतिदिन हल्का व्यायाम करे।
बिना पचे भोजन बिल्कुल ना करें।
गुस्सा, डर, चिंता बिल्कुल ना करें।
मूत्र और शौच को कभी ना रोंकें।
साबुन और डिटरजेंट का इस्तेमाल कम से कम करें।
तांबे के बर्तन में पानी को 8 घण्टे रखने के बाद पिये
एक कटोरी भीगे काले चने और 3 से 4 बादाम प्रतिदिन खाएं।
अगर सँम्भव हो तो ताजा गिलोय या एलोवेरा जूस पिएं। इससे इम्यूनिटी बढ़ती है।

सफेद दाग रोग में ध्यान रखने वाली कुछ विशेष बातें
सफेद दाग के उपचार के दौरान आपको इन बातों का विशेष ध्यान रखना हैः-

(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।

(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।

(3) भोजन धीरे-धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।

(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।

(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें।

(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।

(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें।

(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे–धीरे खायें।

(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें।

(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जायें।

(11) रोज दो बार दांतों को साफ करें।

(12) रोज जिव्हा करें।

(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।

(14) रात में सही समय [9- 10 PM] पर नींद लें

Comments

  1. सर में तो यही चाहता हु की जल्द से जल्द ठीक हो जाऊं और हो सके तो मेरे जरिये में किसी और का भी भला कर सकू ओर जब तक मेरा कोर्स चलता है में चलाऊंगा और मेरे जैसे दुसरो को भी यही राई दूंगा की आप से जा कर एक बार मिले जय माता दी

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